चुनाव शायरी 2020- Political Shayari in Hindi- पंचायत चुनाव शायरी
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Contents
- 1 चुनाव शायरी इन हिन्दी
- 2 चुनाव शायरी 2020 की
- 3 Political Shayari 2020 In Hindi
- 4 सरपंच चुनाव शायरी
- 5 Political Funny Shayari in Hindi
- 6 नगर पंचायत चुनाव शायरी
- 7 Chunav Shayari For Yuva
- 8 Political Shayari
- 9 पोलिटिकल शायरी
- 10 पंचायत चुनाव शायरी
- 11 छात्र संघ चुनाव शायरी
- 12 चुनाव पर शायरी
- 13 Chunav Hindi Shayari Collection
- 14 चुनाव फ़नी शायरी
- 15 चुनाव हिन्दी शायरी
- 16 चुनावी शायरी हिन्दी
- 17 चुनाव कि शायरी
चुनाव शायरी इन हिन्दी
जरूरत पर सब यार होते हैं,
जरूरत न हो तो पलट कर वार होते हैं,
चुनाव नजदीक आ रहा हैं बच के रहना
क्योंकि ज्यादातर नेता गद्दार होते हैं..!!
उबलते हुए खून की रवानी हैं मोदी,
इस देश के युवा की जवानी हैं मोदी,
सोये हुए थे जो अब तक हिन्दुस्तानी,
उनके जाग उठने की कहानी हैं मोदी।
चुनाव शायरी 2020 की
पैसा लेकर चुनाव न करें,
किसी नेक को मतदान करें,
भारत का निर्माण करें।
फ़दाली कर रहे हैं रोज निंदा, बात कुछ होगी
अकेले उड़ रहा है जो परिंदा, बात कुछ होगी
ठगी के दौर में बेईमानियों के, बीच में रह के
किसी में अब भी है ईमान ज़िंदा, बात कुछ होगी।
वक्त कम हैं जितना दम हैं लगा दो,
कुछ लोगो को मैं जगाता हूँ,
कुछ लोगो को तुम जगा दो।
Political Shayari 2020 In Hindi
यदि सच के मुहाफ़िज़ हैं, तो क्यों नज़रें चुराते हैं
करें अब सामना खुलकर, वो क्यों चेहरा छिपाते हैं
है भगदड़ बेईमानों में, यूँ भाई के डर से
के जैसे शेर आता है, तो गीदड़ भाग जाते हैं।
राजनीति की मार ने नेताओं को क्या-क्या सिखा दिया,
बड़े-बड़े वीर नेता को जनता के क़दमों पर झुका दिया।
सरपंच चुनाव शायरी
जो बोला सत्य तो हड़कंप जैसे, मच गया देखो
जला इक दीप तो आंतक जैसे, मच गया देखो
सभी बेईमान हैं हैराँ, हुआ क्या है शहर भर को
कि भाई सा इक संत कैसे, जँच गया देखो।
मुझको तमीज की सीख देने वाले,
मैंने तेरे मुँह में कई जुबान देखा है,
और तू इतना दिखावा भी ना कर अपनी झूठी ईमानदारी का
मैंने कुछ कहने से पहले अपने गिरेबां में देखा है।
Political Funny Shayari in Hindi
पूरा शहर एक जुट हो कर, हिम्मत उनको देना जी
सबसे सच्चे सबसे अच्छे, अपने, भैया जी।
अब कोई और न धोखा देगा,
इतनी उम्मीद तो वापस कर दे.
हम से हर ख़्वाब छीनने वाले,
हमारी नींद तो वापस कर दे।
नगर पंचायत चुनाव शायरी
सियासत की रंगत में ना डूबो इतना,
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए,
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को,
गर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए।
ना घोड़े हैं ना गाड़ी है, ना पहरेदार दिखते हैं
शरीफ़ों के चहेते हैं, सभी के यार दिखते हैं
यहाँ पर कौन है नेता, जो …. भाई जैसा हो
हमें तो संत से सच्चे, ये उम्मीदवार दिखते हैं।
राजनीति में अब युवाओं को भी आना चाहिए,
देश को ईमानदारी का आईना दिखाना चाहिए।
युवा नेता शायरी
ना पैसा है ना रुतबा है, ना मेरा कोई जलवा है
मेरा संघर्ष मेरी शान, सच्चाई मुचलका है
कोई सूरज नही हूँ मैं, महज़ इक दीप हूँ यारो
जो अपने दोस्तों के नूर से, आँधी में जलता है।
Political Shayari
क्या खोया, क्या पाया जग में,
मिलते और बिछुड़ते मग में,
मुझे किसी से नही शिकायत
यद्यपि छला गया पग-पग में।
मूल जानना बड़ा कठिन हैं नदियों का, वीरो का,
धनुष छोड़कर और गोत्र क्या होता हैं रणधीरो का,
पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर,
“जाति-जाति” का शोर मचाते केवल कायर, क्रूर।
पोलिटिकल शायरी
नजर वाले को हिन्दू और मुसलमान दिखता हैं,
मैं अन्धा हूँ साहब, मुझे तो हर शख्स में इंसान दिखता हैं।
पसीना ही मेरी पहचान है, श्रम का पुजारी हूँ
हूँ खेतों का श्रमिक, मिट्टी की सौंधी सी ख़ुमारी हूँ
बहुत ही धैर्य से सबके ह्रदय तक, यात्रा करके
बना तभी बेईमानियों पर, आज भारी हूँ।
काँटों से गुज़र जाता हूँ, दामन को बचा कर,
फूलों की सियासत से, मैं बेगाना नहीं हूँ।
पंचायत चुनाव शायरी
माना कि सौदागरों में, ज़रा भी रहम नहीं होता
पर ताक़ीद रहे नफ़रतों से, प्यार कम नहीं होता
हमारी पॉलिश उतारने को, आमादा ऐ शख्स याद रहे
झूठ की आँधी में, सच का बजन कम नहीं होता।
वाह रे तेरी राजनीति,
एक अगर काम सही करता हैं,
तो दस टांग अड़ाते हैं,
अगर एक गलत काम करता हैं,
तो सब साथ देते हैं।
छात्र संघ चुनाव शायरी
जंग में जीतने के लिए,
अपने सिपाहियों की क़ुरबानी ज़रूरी हैं,
उसी तरह राजनीति में,
अपनों की क़ुरबानी भी जाएज़ हैं।
इस नदी की धार में ठंडी हवा तो आती हैं,
नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो हैं।
जो मातृभूमि की जय कहते सकुचाते
मजहब को मुल्क से ऊपर बतलाते
नमक देश का खााते दुश्मन गुण गाते
ऐसे गद्दारों पे कुत्ते भी तो शरमाते।
चुनाव पर शायरी
सच्चा नेता वही होता हैं,
जो झूँठ नहीं बोलता,
बस देश के हित में काम करता हैं।
हर आदमी में होते हैं, दस बीस आदमी,
जिस को भी देखना हो, कई बार देखना।
अब कोई और न धोखा देगा,
इतनी उम्मीद तो वापस कर दे.
हम से हर ख़्वाब छीनने वाले,
हमारी नींद तो वापस कर दे।
देखोगे तो हर मोड़ पे, मिल जाएँगी लाशें,
ढूँडोगे तो इस शहर में, क़ातिल न मिलेगा।
बन सहारा बे-सहारो के लिये,
बन किनारा बे-किनारो के लिये,
जो जीये अपने लिये तो क्या जीये,
जी सके तो जी हज़ारो के लिये।
न मस्जिद को जानते हैं,
न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं,
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं।
चुनाव फ़नी शायरी
कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की,
पर विदा ना हो सकी बेटी किसान की।
आत्महत्या की चिता पर देखकर किसान को
नींद कैसे आ रही हैं देश के प्रधान को।
चुनाव हिन्दी शायरी
इन से उम्मीद न रखो ये, हैं सियासत वाले,
ये किसी से भी, मोहब्बत नहीं करने वाले।
न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिंदुस्तान वालो
तुम्हारी दास्ताँ तक भी न होगी दास्तानों में।
मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
अच्छा नही, इतना बड़ा हो जाना।
चुनावी शायरी हिन्दी
दोस्ती हो या दुश्मनी सलामी दूर से अच्छी लगती हैं,
राजनीति में कोई नही सगा, ये बात सच्ची लगती हैं।
क्या खोया, क्या पाया जग में,
मिलते और बिछुड़ते मग में,
मुझे किसी से नही शिकायत
यद्यपि छला गया पग-पग में।
नजर वाले को हिन्दू और मुसलमान दिखता हैं,
मैं अन्धा हूँ साहब, मुझे तो हर शख्स में इंसान दिखता हैं।
जो सौदागर डॉलर का हैं वो खेती को क्या आँकेगा,
धरती रोटी ना देगी तो खाने में सोना फँकेगा।
रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया
इस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारो।
ये संगदिलो की दुनिया हैं, संभल कर चलना “ग़ालिब”
यहाँ पलको पर बिठाते हैं नजरो से गिराने के लिए।
हमारी रहनुमाओ में भला इतना गुमां कैसे,
हमारे जागने से, नींद में उनकी खलल कैसे।
कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की,
पर विदा ना हो सकी बेटी किसान की।
चुनाव कि शायरी
जहां हर दिन सिसकना है जहां हर रात गाना है,
हमारी ज़िन्दगी भी एक तवायफ का घराना है।
किसी को चांद चमकता नजर आता है
किसी को उसमें दाग नज़र आता है।
हम “आह” भी करते हैं तो हो जाते हैं “बदनाम”,
वो “कत्ल” भी करते हैं तो “चर्चा” नहो होती।
तमाम उम्र हम एक दुसरे से लड़ते रहे,
मगर मरे तो बराबर में जा के लेट गये।
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