निर्मला सीतारमण : पेट्रोल-डीजल को GST दायरे में अब नहीं आएगा, Council New Update
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अभी पेट्रोल डीजल को डीएसटी के दायरे में लाने का सही वक्त नहीं है।
पेट्रोल-डीजल को GST दायरे में अब नहीं आएगा : पेट्रोल के दामों के बढ़ते दामों से हाहाकार मची हुई थी. वहीं तेल के दामों से केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की तगड़ी कमाई है. ऐसे में कई सालों से ये मांग उठ रही है कि इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाए, भारत देश में कुछ पहले पेट्रोल यो या डीज़ल सभी सस्ता था हर व्यक्ति की जरूरत के हिसाब से वह सही था और उसका इस्तेमाल भी किया जा रहा था।
परन्तु जब से भाजपा सरकार भारत में बनी है तब से पेट्रोल और डीजल के साथ साथ अन्य महत्वपूर्ण और जरूरत मंद चीज़े जो गरीब हो या अमीर हर व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है। वह सभी जरूरत की हिसाब से महँगी हो गई है। जिसमे सबसे ज्यादा पेट्रोल और डीज़ल ही के दाम ही बड़े है।
पेट्रोल के दाम आज कई राज्यों में 100 का आकंड़ा पार कर चुके हैं, लोगों की जेब में आग लगी हुई है. सभी देश वाशी यही सोचते रह गए की अगर पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो जेब भारी होगी और महंगाई का बोझ हल्का होगा। परन्तु यह उम्मीद भी निर्मला सीतारमण जी ने तोड़ दी।
Petrol Diesel GST Council New Update
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को हुई जीएसटी काउंसिंल की बैठक, जीएसटी काउंसलि की 45वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अभी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का सही वक्त नहीं है। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केरल हाईकोर्ट के आदेश की वजह से इस पर चर्चा की गई थी. लेकिन कुछ सदस्यों ने कहा कि वो यह नहीं चाहते हैं. इसके बाद जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का अभी वक्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि केरल हाई कोर्ट के आदेश के बाद अजेंडे में यह मुद्दा आया था लेकिन राज्यों ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई लेकिन राज्य नहीं चाहते कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट को इस दायरे में लाया जाए।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर हुई चर्चा
वित्त मंत्री ने बताया कि, पेट्रोल डीजल पर सिर्फ ये हुआ कि कोर्ट के सुझाव पर हमने इस बात को बैठक में रखा. हमने सबसे पूछा कि क्या पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए. इस पर ज्यादातर सदस्यों ने कहा नहीं. हम ये बात कोर्ट को जाकर बताएंगे.
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